शुक्र है शुक्रवार है.....बड़े दिनों बाद आज Fri को relax सा फील हो रहा है....कल राहत फ़तेह अली खान का concert देखने जाना है.....:)...ऐसे अच्छे दिन आते रहें समय समय पर...और मन लगा रहे....:) आज बड़े दिनों बाद ऑफिस से वापस आके चाट खाई..:); किसी ठेले पर तो नहीं, १ काफी ठीक ठाक सी दुकान पर....ठेले पर खाने का मज़ा कुछ और ही होता है वैसे तो, पर आजकल "hygeine" reasons के कारण ऐसा करना ठीक नहीं बताया जाता..... मौसम का रहमो करम जारी है, आज भी पानी बरसा, और शाम तक मौसम सुहाना ही बना रहा.....बचपन में इस मौसम में हम अंगूर के पत्तों के पकोड़े खाया करते थे..:)....भुट्टे पे नींबू और नमक, आलू प्याज के पकोड़े....और चीला....ये बरसात के मौसम के पर्यायी हुआ करते थे, हो तो वैसे अभी भी सकते हैं, अगर कोई बना के दे दे तो..:)..अपने से रोज़ इतनी मेहनत मुश्किल लगती है थोड़ी .... वैसे इस बरसात में मैंने १ बात जानी....ये ही १ ऐसा मौसम है, जिसमे भारत के लघभग सभी मैदानी शहर १ जैसे लगते हैं, अच्छे...:)....बारिश चाहे चेन्नई में हो...या दिल्ली में....या हमारे झांसी में....बारिश के वो ३-४ घंटे हर शहर की हवा को इतना साफ़...ठंडा ..और सुकूनमय बना देते हैं कि शायद १ यही मौसम है जिसमे दिल्ली क्या..हैदराबाद क्या...कहीं भी बस जाने का मन करने लगेगा.. ...बारिश हो जाने पर ये सूखा धूल भरा गुडगाँव शहर भी रहने लायक लगने लगता है..(- traffic ofcourse) ..
ये पोस्ट लिखी थी कुछ १ महीना पहले.....लिखा तो इसके बाद और भी बहुत कुछ था...पर save नहीं किया ....तो ये पोस्ट इतनी ही रह गयी.....
उस दिन कुछ तस्वीरें लीं थीं..अपने कैमरे से.....अब पाईये नीचे.....
ये पोस्ट लिखी थी कुछ १ महीना पहले.....लिखा तो इसके बाद और भी बहुत कुछ था...पर save नहीं किया ....तो ये पोस्ट इतनी ही रह गयी.....
उस दिन कुछ तस्वीरें लीं थीं..अपने कैमरे से.....अब पाईये नीचे.....